शिवसेना पर असली हक को लेकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) आमने-सामने हैं। शिंदे गुट का कहना है कि वही असली शिवसेना है, तो वहीं उद्धव ठाकरे इसे गलत दावेदारी बता रहे हैं। दावेदारी के लिए शिंदे गुट ने भारतीय चुनाव आयोग में अर्जी भी लगाई है, जिसपर आयोग सुनवाई कर रहा है। वहीं चुनाव आयोग की इसी सुनवाई के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका (SC on Shiv Sena plea) डाली है जिसपर आज सुनवाई होगी.
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ठाकरे समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ के समक्ष चुनाव आयोग की सुनवाई का उल्लेख करते हुए उसपर रोक लगाने की मांग की है। सिब्बल ने कहा कि चूंकि मामले सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं , इस बीच वे चुनाव आयोग को इस मामले पर सुनवाई करना कोर्ट में दर्ज मामले को निष्फल बनाने की कोशिश है।
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सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि जब तक अदालत फैसला नहीं करती, तब तक वे चुनाव आयोग के सामने नहीं जा सकते। एकनाथ शिंदे समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने शीर्ष अदालत को बताया कि चुनाव आयोग के समक्ष दर्ज मामला पूरी तरह से अलग है। कौल ने कहा कि यह पार्टी के भीतर की बात है कि कौन पार्टी और चुनाव चिह्न का प्रतिनिधित्व करता है, इसका शीर्ष अदालत में लंबित मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।
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