संसद में महंगाई के मुद्दे को लेकर घमासान मचा हुआ है। 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते दोनों सदनों में काम नहीं हो पा रहा है। दरअसल, विपक्षी दल महंगाई, जीएसटी वृद्धि के अलावा कई मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष की मांग को मानते हुए सरकार सोमवार को लोकसभा में इस पर चर्चा के लिए राजी हुई, इसके बावजूद सदन में हंगामे के चलते कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
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सोमवार को भी राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के हंगामे के चलते केंद्र सरकार ने निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मैंने आश्वस्त कराया कि मंगलवार दोपहर 2 बजे राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा होगी। फिर भी विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं।
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‘विपक्ष को बेनकाब होने का डर’
पीयूष गोयल ने कहा कि मंहगाई पर चर्चा आज लोकसभा में लिस्टेड है। उसके बावजूद विपक्ष सहमति नहीं बना पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘समझ में आ रहा है कि विपक्ष महंगाई पर चर्चा से क्यों भाग रहा है। विपक्ष को शंका है सरकार ने जो अच्छे काम किए वो सामने आएंगे और हम उन्हें बेनकब कर देंगे।’ गोयल ने आगे कहा कि विपक्ष शासित राज्यों ने महंगाई को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए। विपक्ष अब महंगाई की चर्चा, जीएसटी पर चर्चा से भाग रही है। ये स्पष्ट हो गया है।
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कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दे विपक्ष’
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘संसद सत्र में कई बिलों को पास कराना था, लेकिन दुर्भाग्यवश कार्यवाही स्थगित हो रही है। अगर सदन में कांग्रेस के नेता आश्वासन देते हैं कि सांसद प्लेकार्ड के बिना आते हैं तो हम निलंबन वापस लेने को तैयार हैं।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन चलाने में सहयोग नहीं कर रहा है, इसका मतलब है कि वे महंगाई पर चर्चा से भाग रहे हैं। अगर वे महंगाई पर चर्चा करना चाहते हैं तो उन्हें सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए।
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