पंजाब में कांग्रेस के अभी भी असली सरदार है मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह

The Chief Minister of Punjab, Captain Amarinder Singh calling on the Union Home Minister, Shri Rajnath Singh, in New Delhi on August 31, 2018.

पंजाब कांग्रेस का एक वर्ग कैप्टन अमरिंदर सिंह को चूका हुआ मान रहा है। इनकी कोशिश भी यही है कि अब कैप्टन को चलता किया जाए। कैप्टन की मर्जी के बिना नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश की कमान सौंपकर कांग्रेस हाईकमान ने भी यह ही संकेत दिया है। मुख्यमंत्री दो दिन दिल्ली में रहे। इस बीच उन्होंने कांग्रेस को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कैप्टन में जान है क्योंकि पहले कैप्टन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अगले ही दिन उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर ली। बात पते की यह है कि अधिकारिक रूप से भले ही इसे सरकारी कामकाज का हिस्सा बताया जा रहा हो, लेकिन राजनीतिक रूप से कैप्टन के विरोधियों के माथे पर बल जरूर पड़ गया है। तभी तो अब सोनिया गांधी ने रावत को पंजाब भेजने का निर्देश दिया है, क्योंकि सिद्धू ग्रुप अपनी सीमाओं से आगे जो बढ़ रहा था।

सिर मुंडाते ही पड़े ओले

नवजोत सिंह सिद्धू ने इतिहास बनाया है। सिद्धू पहले ऐसे प्रदेश प्रधान बन गए हैं, जिन्होंने अपने लिए चार सलाहकार नियुक्त किए। इससे पहले कांग्रेस ने सिद्धू के साथ चार कार्यकारी प्रधान लगाए थे। सलाहकार नियुक्त करने के साथ ही सिद्धू को एक झटका भी लग गया क्योंकि एक सलाहकार पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने सलाहकार लगने से मना कर दिया है। कारण कुछ भी हो लेकिन यहां सिर मुंडाते ही ओले पड़े वाली कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। बात पते की यह है कि सिद्धू ने बतौर स्थानीय निकाय मंत्री अपने जिस ओएसडी डा. अमर सिंह को हटाया था, उसे ही अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया है। सलाहकारों में सांसद डा. अमर सिंह को शामिल करके बाकी के सात सांसदों को संदेश दे दिया है कि वह तो सांसद को अपना सलाहकार लगा सकते हैैं। क्योंकि अभी तक पंजाब का कोई भी सांसद सिद्धू के साथ नहीं चल रहा है।

बदले-बदले नजर आते हैं सरकार

नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में प्रदेश कांग्रेस की कमान आने के बाद भले ही जमीनी स्तर पर बहुत कुछ न बदला हो, लेकिन कुछ मंत्रियों व विधायकों के हाव-भाव बदल गए हैं। अब उनके बोलने में रौब दिखाई दे रहा है। कुछ मंत्री तो अपनेआप को सुपर सीनियर मानने लगे हैं। इसके पीछे का कारण बड़ा स्पष्ट है, क्योंकि इन मंत्रियों ने नए प्रधान के साथ मिलकर वह कर डाला जो कि पंजाब कांग्रेस में शायद अब तक कभी नहीं हुआ। इन मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री को बदलने की बात उठ रही है। हाईकमान से मुख्यमंत्री की शिकायत की जा रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने राजनीतिक करियर के दौरान कभी इतने असहज नहीं हुए, जितना इन दिनों हो रहे हैं। बात पते की यह है कि अगर एक गुट मुख्यमंत्री को असहज कर सकता है तो घमंड आना तो लाजिमी है। बात पावर की जो है।